अगर आप IAS टॉपर बनना चाहते हैं तो ये जरूरी टिप्स फॉलो करें

IAS Topper बनने के लिए ऐसे तैयारी करें
IAS टॉपर बनने के लिए शुरुआत से लक्ष्य स्पष्ट हो या 10वीं कक्षा में आते-आते सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने का मन बन जाए, तो 12वीं कक्षा तक आपको अपनी रूचि के विषय चुनने होंगे, जिसे आप भविष्य में IAS परीक्षा में वैकल्पिक विषय बना सकें और केवल ऐसे विषय का ही चयन करें जो आपको सबसे अच्छे लगते हों। वहीं स्नातक करने के दौरान सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने का विचार आने पर अपने स्नातक के विषयों को सबसे पहले अच्छी तरह पढ़ें और वह भी गाइड आदि से नहीं, बल्कि इसके लिए आधारभूत किताबों का सहारा लें।
इसके अलावा आप UPSC की वेबसाइट पर जाकर पिछले 5-7 वर्षों के पुराने प्रश्न-पत्र डाउनलोड करके उनका अध्ययन करें और वर्तमान पाठ्यक्रम के अनुसार सभी महत्वपूर्ण विषयों की आधारभूत तैयारी NCERT की किताबों से शुरू कर दें। यदि तैयारी का विचार और भी देरी से आए तो आपको कम से कम एक साल आधारभूत तैयारी के लिए देना होगा। एक साल से कम समय में इस परीक्षा की तैयारी असंभव है। इसलिए सबसे पहले आप खुद को मानसिक स्तर पर इस प्रकार से तैयार करें कि न्यूनतम एक साल तक निरंतर 8-10 घंटे के गहन अध्ययन की जरूरत होगी।

तैयारी की रणनीति ऐसे बनाएं :

IAS Topper बनने के लिए सबसे पहले एक डायरी बनाएं जिसमें तैयारी के शुरुआती दिन से ही अपना कार्यक्रम दर्ज करें क्योंकि यह डायरी आपको याद दिलाती रहेगी कि आप तैयारी के किस चरण से गुजर रहे हैं। जो लोग कोचिंग के माध्यम से तैयारी की शुरुआत करते हैं उनको यही सलाह है कि कोचिंग में पढ़ाई गई सामग्री का घर जाकर रिवीजन जरूर करें। इसके अलावा जो अभ्यर्थी खुद से तैयारी शुरू करना चाहते हैं वे सबसे पहले दो राष्ट्रीय स्तर के हिंदी या अंग्रेजी अखबार, एक समसामायिकी पत्रिका को नियमित रूप से पढ़ने की आदत बनाएं।

इंटरनेट का उपयोग ऐसे करें :

जो अभ्यर्थी कमजोर आर्थिक स्थिति या जॉब के कारण समय के अभाव में कोचिंग नहीं ले पाते हैं, वे UPSC आधारित विभिन्न ब्लॉग/वेबसाइट पर परीक्षा की शुरूआती रणनीति से लेकर साक्षात्कार तक की सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

उतार चढ़ाव का सामना करें :

IAS Topper बनने के लिए इस परीक्षा की तैयारी के दौरान कई प्रकार के उतार-चढ़ाव आते हैं और कभी-कभी ऐसी चुनौतियां हमारे समक्ष होती हैं, तब लगता है कि तैयारी को छोड़कर कुछ और ही कर लिया जाए मतलब हम हिम्मत हार रहे होते हैं। इस प्रकार की स्थिति लगभग सभी के साथ होती है और इसी से हारकर कई अभ्यर्थी तैयारी को बीच में ही छोड़ देते हैं। वे अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जिन्होंने इस परीक्षा की आधी या उससे भी ज्यादा डगर को पार कर लिया होता है। इसलिए सभी को सलाह है कि इस प्रकार की परिस्थिति का पूरे आत्मविश्वास के साथ डटकर मुकाबला करें और अपनी तैयारी को हर हाल में जारी रखें।
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