साउथ सिनेमा के निर्देशक पुरी जगन्नाथ ने अपने बारे में खुद ये बात बताई
निर्देशक पुरी जगन्नाथ को किताबें पढ़ने का शौक अपने पिता सिंहाचलम से मिला। निर्देशक पुरी जगन्नाथ बताते हैं कि, "किताबों से हमारा घर भरा रहता था। मैं पिताजी की सारी किताबें पढ़ जाता था। वहीं से मुझे लिखने की प्रेरणा मिली। मैंने एक नाटक लिखा और उसका निर्देशन किया। वह नाटक गांव के लोगों को बहुत पसंद आया और लोगों ने मेरी खूब सराहना की। इसी के बाद मेरे पिताजी ने एक दिन मुझे 20 हजार रूपये दिए और कहा कि जाओ और सिनेमा को अपना जीवन बनाओ।"
निर्देशक पुरी जगन्नाथ ने हिंदी में अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म 'बुड्ढा होगा तेरा बाप' बनाई। निर्देशक पुरी जगन्नाथ कहते हैं कि, "मैं बचपन से अमिताभ बच्चन का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। मेरे गांव में लोग हिंदी नहीं समझते थे फिर भी उनकी सारी फिल्में देखते थे। मैंने बच्चन साहब को ध्यान में रखकर फिल्म 'बुड्ढा' लिखी और राम गोपाल वर्मा ने मेरी मुलाकात बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन से कराई। बच्चन साहब को स्क्रिप्ट पसंद आई, लेकिन उनको 'बुड्ढा' टाइटल अटपटा लग रहा था तो उन्होंने ही नाम बदलकर 'बुड्ढा होगा तेरा बाप' कर दिया।"
अब 11 साल बाद निर्देशक पुरी जगन्नाथ की फिल्म 'लाइगर' हिंदी में आ रही है। निर्देशक पुरी जगन्नाथ बताते हैं कि, "इस फिल्म की स्क्रिप्ट मैंने 10 साल पहले ही लिख ली थी। मैं जो भी कहानी लिखता हूं, वे मेरे निजी जीवन के अनुभव से ही प्रेरित होती हैं। मेरे बचपन के ऐसे बहुत सारे दोस्त अब भी हैं, जो हलकाते हैं उन्हीं को आधार बनाकर मैने 'लाइगर' की स्क्रिप्ट लिखी।"
